हमारे बारे में
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दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी), दावणगेरे की शुरुआत की गई है। फरवरी, 2017 से सीआरसी कर्नाटक में
दिव्यांगजनों के लिए सेवाओं के विकास के लिए आवश्यक संसाधन और बुनियादी ढाँचा बनाने के उद्देश्य से कार्य कर रहा है। सीआरसी नैदानिक, विशेष शिक्षा सेवाएँ प्रदान करने के साथ-साथ मानव संसाधन विकास और अनुसंधान
गतिविधियाँ करके दिव्यांगजनों के पुनर्वास और विशेष शिक्षा के लिए एक संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करता है।
सीआरसी दिव्यांगजनों की शीघ्र पहचान और दिव्यांगता सीमा के लिए हस्तक्षेप प्रदान करने सहित पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करता है; दिव्यांगजनों को व्यावसायिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, मार्गदर्शन सेवाएँ,
अभिविन्यास और गतिशीलता प्रशिक्षण, भाषण और भाषा चिकित्सा सहित चिकित्सीय सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा, दिव्यांगजनों को विशेष शैक्षिक सेवाएँ, व्यावसायिक प्रशिक्षण और प्लेसमेंट मार्गदर्शन सेवाएँ प्रदान की
जाती हैं।
एडीआईपी योजना के माध्यम से, सीआरसी गतिशीलता सहायता, संचार सहायता, शिक्षण अधिगम सामग्री जैसे सहायक उपकरण वितरित करता है। प्रोस्थेटिक एवं ऑर्थोटिक विभाग दिव्यांग व्यक्तियों की आवश्यकता के अनुसार
उपकरणों को डिजाइन, निर्माण एवं अनुकूलित करता है। सीआरसी दिव्यांग व्यक्तियों को सहायक उपकरणों के वितरण के लिए एडीआईपी मूल्यांकन/वितरण शिविर आयोजित करता है। सीआरसी अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक
पाठ्यक्रमों के माध्यम से शैक्षणिक सेवाएं प्रदान करता है। दिव्यांगता एवं पुनर्वास पर जन-स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पैरामेडिकल स्टाफ, दिव्यांगजनों, ग्राम प्रधानों,
सरकारी कर्मचारियों आदि को अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान किए जा रहे हैं। दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों के संबंध में विशेष शिक्षा विभाग विशेष शिक्षा (श्रवण बाधित, बौद्धिक अक्षमता, दृश्य बाधित एवं बहु-विकलांगता आदि) में
डिप्लोमा/स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तथा व्यावसायिक पुनर्वास में डिप्लोमा शुरू करेगा। ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी विभाग संबंधित डिप्लोमा एवं स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग
पुनर्वास मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा एवं पुनर्वास मनोविज्ञान में एम.फिल. के साथ-साथ क्लीनिकल साइकोलॉजी में एम.फिल. शुरू करेगा। प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स विभाग प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स (बीपीओ) में
डिप्लोमा एवं स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करेगा।